नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है। शनिवार रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दे दी। इससे पहले यह विधेयक लोकसभा में 3 अप्रैल और राज्यसभा में 4 अप्रैल को पास हुआ था।
अब यह नया वक्फ कानून देशभर में लागू होगा और सभी प्रक्रियाएं इसी के अनुसार होंगी।
क्यों हो रहा है वक्फ कानून का विरोध?
नए कानून को लेकर कई राजनीतिक पार्टियों और मुस्लिम संगठनों ने विरोध जताया है। कांग्रेस, AIMIM और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह कानून भेदभावपूर्ण है और मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में इस कानून को लेकर विवाद और बढ़ सकता है।
किसने दाखिल की सुप्रीम कोर्ट में याचिका?
सबसे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने याचिका दाखिल की।
इसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
फिर AAP और एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर्स ऑफ सिविल राइट्स ने भी याचिकाएं दायर कीं।
इन सभी का दावा है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है और मुस्लिमों के अधिकारों को कमजोर करता है।
संसद में कैसे पास हुआ था वक्फ संशोधन विधेयक?
लोकसभा में: 2 अप्रैल को बहस हुई और 3 अप्रैल की सुबह 1 बजे वोटिंग में विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े।
राज्यसभा में: 3 अप्रैल को 12 घंटे लंबी बहस के बाद 4 अप्रैल की सुबह 2 बजे वोटिंग हुई। यहाँ विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट डाले गए।