डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर जेल से पैरोल पर बाहर आने की अनुमति मिल गई है। मंगलवार सुबह करीब 5:26 बजे, कड़ी सुरक्षा के बीच, वह 8 साल बाद सिरसा स्थित अपने डेरे पर पहुंचे। यह उनकी 12वीं अस्थायी रिहाई है, और इस बार उन्हें 20 दिन की पैरोल मिली है।
क्या है मामला?
गुरमीत राम रहीम को 2017 में बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद, उन्हें बागपत में स्थित अपने आश्रम में जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन इस बार वह सिरसा स्थित डेरे में ही रहेंगे। उनके अधिवक्ता जितेंद्र खुराना ने बताया कि राम रहीम को 30 दिन की पैरोल दी गई है, जो कानून के तहत एक साल में 70 दिन तक दी जा सकती है।
राम रहीम का संदेश और अनुयायियों से अपील
पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद, गुरमीत राम रहीम ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने अनुयायियों को संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि वह सिरसा आश्रम में ही रहेंगे और अनुयायियों से अपील की कि वे सिरसा ना आएं और जो कुछ भी डेरे के कर्मचारियों ने उन्हें बताया है, उसका पालन करें।
राम रहीम की पैरोल का राजनीति से कनेक्शन
राम रहीम के जेल से बाहर आने को लेकर सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि पिछली बार भी वह चुनावों के समय जेल से बाहर आए थे। पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्हें पैरोल मिली थी। इस बार भी उनके बाहर आने के समय राजनीतिक गतिविधियों की चर्चा हो रही है, हालांकि उनके वकील ने इसे राजनीति से जोड़ने से इनकार किया है।
गुरमीत राम रहीम का अपराध और सजा
गुरमीत राम रहीम को 2017 में अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार करने का दोषी ठहराया गया था और उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा, 2002 में संप्रदाय के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में उन्हें और चार अन्य को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।