भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने आखिरकार टेस्ट टीम की कप्तानी को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि BCCI की पहली पसंद होने के बावजूद उन्होंने खुद टेस्ट कप्तानी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
क्यों ठुकराई बुमराह ने कप्तानी?
बुमराह ने बताया कि उनकी पीठ की पुरानी चोट और कार्यभार प्रबंधन को देखते हुए उन्होंने कप्तानी न लेने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद BCCI को फोन कर यह जानकारी दी कि वे कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते।
बुमराह ने कहा – “मैंने IPL के दौरान अपनी मेडिकल टीम से बात की और तय किया कि मुझे अपनी फिटनेस को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके बाद मैंने BCCI को फोन कर साफ कर दिया कि मैं कप्तानी नहीं करना चाहता।”
कप्तानी से बड़ा है टीम का हित
बुमराह ने यह भी कहा कि वे खुद को टीम से ऊपर नहीं मानते। उनका मानना है कि तीन मैचों के लिए कप्तान बनना और फिर हटना टीम के लिए सही नहीं होता।
उनका बयान:
“टीम को स्थिरता चाहिए, और मैं नहीं चाहता कि कप्तान बार-बार बदले जाएं। मैं टीम के हित में यह निर्णय लिया है।”
खिलाड़ी के रूप में भी कर सकते हैं योगदान
बुमराह ने कहा कि वह कप्तान न होते हुए भी एक खिलाड़ी के रूप में बड़ा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर वह सावधान नहीं रहे तो शायद भविष्य में उन्हें टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ सकता है, और यह वे नहीं चाहते।
“मैंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं ज्यादा से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं, इसलिए कप्तानी से ज्यादा मुझे क्रिकेट खेलना पसंद है।”
शुभमन गिल को मिली कप्तानी
बता दें कि 24 मई को BCCI ने इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम की घोषणा की थी, जिसमें शुभमन गिल को कप्तान बनाया गया। BCCI ने बताया था कि वे बुमराह की फिटनेस और कार्यभार को ध्यान में रखते हुए उन्हें कप्तानी नहीं देना चाहते।
अब खुद बुमराह के बयान से यह साफ हो गया है कि यह फैसला उन्होंने खुद लिया था।