पुरी (ओडिशा)। अगर आप भी इस बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने का मन बना रहे हैं, तो इस यात्रा से जुड़ी खास जानकारी जरूर जान लें। हर साल लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं इस भव्य आयोजन में हिस्सा लेने।
🗓 कब से शुरू होगी रथ यात्रा 2025 में?
साल 2025 में जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून से शुरू होगी। यह यात्रा 9 दिन तक चलेगी और 5 जुलाई 2025 को समाप्त होगी।
🚩 कितने रथ होते हैं रथ यात्रा में?
रथ यात्रा में तीन रथ होते हैं:
भगवान जगन्नाथ का रथ (45 फीट ऊंचा, 16 पहिए)
बलराम जी का रथ (43 फीट ऊंचा, 14 पहिए)
देवी सुभद्रा का रथ (42 फीट ऊंचा, 12 पहिए)
🙏 कौन खींच सकता है रथ?
भगवान के रथ को खींचने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। जो भी श्रद्धा और आस्था के साथ आता है, वह रथ खींच सकता है। मान्यता है कि रथ खींचने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो सकता है।
🚿 क्या होता है स्नान पूर्णिमा?
रथ यात्रा से पहले स्नान पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को जल स्नान कराया जाता है। इसके बाद मूर्तियों को कुछ दिनों के लिए दर्शन से दूर रखा जाता है, जिसे ‘अनवसर काल’ कहा जाता है।
👑 क्या है छेरा पहाड़ा रिवाज?
रथ यात्रा के दौरान पुरी के राजा या उनका प्रतिनिधि सोने की झाड़ू से रथ के आगे की जमीन साफ करता है। यह परंपरा छेरा पहाड़ा कहलाती है और भगवान के समक्ष समर्पण का प्रतीक है।
🏰 कहां जाते हैं रथ?
तीनों रथ जगन्नाथ मंदिर से निकलकर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है।
📌 जरूरी टिप्स यात्रा से पहले:
होटल/धार्मिक धर्मशालाओं में अग्रिम बुकिंग कर लें।
भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए समय पर पहुंचे।
यात्रा के दौरान ध्यान और नियमों का पालन करें।