नई दिल्ली। अब SIM कार्ड लेने से लेकर IRCTC Tatkal टिकट बुकिंग तक, सभी के लिए Aadhaar ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इस लेख में आसान भाषा में पढ़ें:
1. आधार ऑथेंटिकेशन क्या है?
यह एक ऑनलाइन/ऑफलाइन वेरिफिकेशन प्रॉसेस है, जिसे UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) संचालित करता है।
हर आधार धारक को एक यूनिक 12 अंकों का नंबर मिलता है, जिससे उसकी पहचान पक्की होती है।
2. ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया – स्टेप बाय स्टेप
रिक्वेस्ट इनिशिएट
अधिकृत एजेंसी (बैंक, टेलीकॉम, IRCTC आदि) आपकी डिटेल भेजती है।
डेटा प्रोसेसिंग
UIDAI आपकी डेमोग्राफिक (नाम, जन्मतिथि) और/या बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट, आईरिस) जानकारी चेक करता है।
CIDR वेरिफिकेशन
UIDAI की सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपॉजिटरी (CIDR) में मिलने वाले रिकॉर्ड से आपका डेटा मैच होता है।
ऑथेंटिकेशन कन्फर्मेशन
अगर डेटा मैच हो जाता है, तो एजेंसी को ‘सफल’ स्टेटस मिल जाता है।
3. कहां-कहां जरूरी हुआ Aadhaar वेरिफिकेशन?
SIM कार्ड इश्यू: टेलीकॉम कंपनियां अब फर्जी सिम बंद करने के लिए आधार वेरिफिकेशन करती हैं।
बैंकिंग & KYC: खाता खोलने, लोन अप्लाई करने या मोबाइल बैंकिंग के लिए।
IRCTC Tatkal टिकट: 1 जुलाई से Tatkal बुकिंग के लिए आपका आधार लिंक होना अनिवार्य।
सरकारी योजनाएं: PDS, LPG सब्सिडी, छात्रवृत्ति आदि में भी आधार ज़रूरी।
4. ऑथेंटिकेशन के तरीके
फिंगरप्रिंट स्कैन: ऑफलाइन बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन।
फेस ऑथेंटिकेशन: कैमरा के जरिए चेहरा मैच।
OTP वेरिफिकेशन: आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजा OTP।
QR कोड स्कैन: बिना इंटरनेट भी QR कोड से चेक।
5. आधार ऑथेंटिकेशन के फायदे
तेज़ और सुरक्षित वेरिफिकेशन, दस्तावेज़ों की 줄तोड़ खत्म।
फर्जी पहचान और धोखाधड़ी रोकने में मदद।
सरकारी और निजी दोनों सेवाओं में सत्यापन आसान और भरोसेमंद।