तेलंगाना के कोत्तागुड़ेम में शनिवार को 60 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें 6 महिलाएँ भी शामिल हैं। यह सरेंडर भद्राद्री कोत्तागुड़ेम में आईजी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ, जिसे नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, अब फोर्स छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के सबसे सुरक्षित नक्सली ठिकानों तक पहुंच चुकी है, जो नक्सलियों के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है। सुरक्षा बलों ने नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुदर्शन के स्मारक और ट्रेनिंग कैंप को भी ध्वस्त कर दिया है। इस कैंप में नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा की बटालियन और नए लड़ाकों को ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन अब वहां सुरक्षाबलों का कब्जा है।
सरेंडर करने वाले नक्सली लंबे समय से भद्राद्री कोत्तागुड़ेम इलाके में सक्रिय थे, जो बीजापुर और तेलंगाना बॉर्डर से सटा हुआ है। लगातार चल रहे फोर्स के ऑपरेशन के कारण नक्सली कमजोर हो रहे हैं और कई छोटी टुकड़ियों व कमेटी के सदस्य सरेंडर कर रहे हैं। इसी अभियान के तहत आज 60 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।