नई दिल्ली – भारत में वाहनों की संख्या 2050 तक दोगुनी होकर करीब 50 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह दावा ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW) के एक ताजा अध्ययन में किया गया है।
🚦 सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन होंगे
रिपोर्ट के मुताबिक,
कुल वाहनों में 70% हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की होगी,
इनकी संख्या 35 करोड़ से ज्यादा पहुंच सकती है।
वहीं निजी कारें तीन गुना बढ़कर करीब 9 करोड़ हो सकती हैं।
🏙️ बढ़ेगा ट्रैफिक और प्रदूषण
वाहनों की तेज़ बढ़ोतरी से
शहरों में भीड़-भाड़,
प्रदूषण, और
बुनियादी ढांचे पर दबाव
काफी ज्यादा बढ़ जाएगा।
📈 उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वाहन
रिपोर्ट के मुताबिक:
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक (9 करोड़+) वाहन हो सकते हैं।
बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में भी बड़ी वृद्धि देखने को मिलेगी।
दूसरी ओर, दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या स्थिर होने के कारण वाहन वृद्धि कम होगी।
🌆 ये शहर बनेंगे वाहन हब
दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, थाणे और अहमदाबाद जैसे शहरों में
वाहन तेजी से बढ़ेंगे
और ये मिलकर कुल वाहन स्टॉक का 10% हिस्सा रखेंगे।
⚡ इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल से कम
अध्ययन में यह भी सामने आया कि
इलेक्ट्रिक वाहन, पेट्रोल वाहनों की तुलना में ज्यादा सस्ती चलती है:
वाहन प्रकारEV लागत (₹/किमी)पेट्रोल लागत (₹/किमी)दोपहिया वाहन₹1.48₹2.46तिपहिया वाहन₹1.28₹3.21
🔋 EV से जुड़े फायदे
कम ईंधन खर्च,
कम प्रदूषण,
और लंबी अवधि में बचत ही बचत।