बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद अपना पहला बयान जारी किया है। यह बयान उनके बेटे सजीब वाजेद ने अपने सोशल मीडिया X हैंडल पर पोस्ट किया है।
15 अगस्त 1975 की घटना का शेख हसीना ने अपने इस बयान में जिक्र किया है , जब उनके पिता और भाइयों और परिवार के अन्य लोगों की दर्दनाक हत्या कर दी गई थी। इस दिन मारे गए सभी लोगों को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि 15 अगस्त के दिन शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा को शांति मिले।
जुलाई महीने से बांग्लादेश में शुरू हुए भयंकर बवाल पर भी इसी पोस्ट में शेख हसीना ने बात की। उन्होंने इसमें कहा, “पिछले जुलाई से अभी तक आंदोलन के नाम पर हो रही तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की वजह से कई सारे लोगों की जान जा चुकी है। स्टूडेंट्स, टीचर्स, पुलिस, यहां तक कि इंटरनल महिला पुलिस, पत्रकार, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, कामकाजी लोग, अवामी लीग और संबद्ध संगठन के नेता, कार्यकर्ता, पैदल यात्री और विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले बहुत से कर्मचारी जो इस आतंकवादी हमले का शिकार होकर मारे गए हैं, उनकी आत्मा की शांति हेतु मैं गहरी शोक व्यक्त करती हूं और प्रार्थना करती हूं।”
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शेख हसीना की बांग्लादेश के लोगों से अपील
शेख हसीना ने अपने देश के सभी लोगों से अपील करते हुए कहा, “वर्तमान धुंधला सा दिखाई दे रहा है। और हमारे जो यादें अस्तित्व का आधार थीं, उसे जलाकर खाक कर दिया गया है। राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व से ही हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर आत्मसम्मान, आत्म-पहचान और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया था, आज उनका घोर अपमान किया जा रहा है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का भी भारी अपमान किया है। मैं सभी देशवासियों से इसके लिए न्याय चाहती हूं।”
बांग्लादेश के लोगों से अपील करते हुए शेख हसीना ने कहा- आप सभी से मै 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को पूरी गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने के लिए सभी से अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाते हुए प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।