Madhavi Latha Chenab Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया।
यह ब्रिज 359 मीटर ऊंचा है और एफिल टावर से भी ऊंचा है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका मकसद कश्मीर को पूरे साल भारत से रेल मार्ग से जोड़ना है।
इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट की सफलता के पीछे एक अहम नाम है — डॉ. माधवी लता।
17 साल तक दिया चेनाब ब्रिज को वैज्ञानिक सहयोग
डॉ. माधवी लता बेंगलुरु की एक जानी-मानी रॉक इंजीनियरिंग और भू-तकनीकी विशेषज्ञ हैं।
उन्होंने इस ब्रिज के निर्माण में 17 वर्षों तक भू-तकनीकी सलाहकार के तौर पर काम किया।
उनका काम मुख्य रूप से ढलान की मजबूती, पुल की नींव और सुरंगों की सुरक्षा से जुड़ा था।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट कर उनकी मेहनत को सराहा और उन्हें “प्रेरणा” बताया।
डॉ. माधवी लता का शैक्षणिक और प्रोफेशनल सफर
वर्तमान में वे IISc बेंगलुरु में सिविल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर हैं।
उन्होंने JNTU से B.Tech, NIT वारंगल से M.Tech और IIT मद्रास से PhD की है।
साल 2004 में IISc में पहली महिला फैकल्टी बनने का गौरव भी उन्हें मिला।
उन्होंने न केवल तकनीकी क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि महिला शौचालय की सुविधा जैसे मुद्दों पर भी सक्रिय रहीं।
सम्मान और उपलब्धियां
2021 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला भू-तकनीकी शोधकर्ता का सम्मान मिला।
2022 में भारत सरकार ने उन्हें देश की टॉप 75 STEAM महिलाओं में शामिल किया।
डॉ. माधवी लता का योगदान चेनाब ब्रिज जैसे कठिन प्रोजेक्ट को सफल बनाने में बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनका समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है।