आज (17 मार्च) भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की जयंती है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
कल्पना चावला का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जन्म: 17 मार्च 1962, करनाल, हरियाणा
प्रारंभिक शिक्षा: करनाल में
इंजीनियरिंग की पढ़ाई: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
आगे की पढ़ाई: अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में PhD
नासा में करियर और अंतरिक्ष मिशन
1988: नासा के एम्स रिसर्च सेंटर में काम शुरू किया।
1994: नासा के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम में चयन हुआ।
1997: पहली बार स्पेस शटल कोलंबिया (STS-87) मिशन के तहत अंतरिक्ष गईं।
2003: दूसरी बार STS-107 मिशन का हिस्सा बनीं। इस मिशन में वैज्ञानिक अनुसंधान किए गए।
दुर्भाग्यपूर्ण हादसा और प्रेरणा
1 फरवरी 2003 को, STS-107 मिशन से लौटते समय स्पेस शटल कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कल्पना चावला समेत सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई।
सम्मान और विरासत
भारत सरकार ने एक सैटेलाइट ‘कल्पना-1’ का नाम उनके सम्मान में रखा।
अमेरिका और भारत में कई संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया।
मरणोपरांत कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
कल्पना चावला की उपलब्धियां आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करती हैं। उनका सपना और साहस हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।