रायपुर। करवा चौथ 2025 (Karwa Chauth 2025) का व्रत आज पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए निर्जला उपवास रख रही हैं। यह पर्व पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।
महिलाएं कर रही हैं निर्जला व्रत
करवा चौथ का व्रत सुबह सरगी खाने के बाद शुरू होता है। इसके बाद व्रतधारी महिलाएं पूरे दिन अन्न और जल का त्याग कर पूजा की तैयारी करती हैं। शाम के समय महिलाएं करवा माता की पूजा करती हैं, जिसमें दीपक, करवा, अक्षत, सिंदूर, चूड़ियां और सुहाग की सामग्री का विशेष महत्व होता है।
करवा चौथ 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा का समय: शाम 05:57 बजे से 07:11 बजे तक
इस मुहूर्त में महिलाएं करवा माता की पूजा करेंगी और अपने पति की दीर्घायु की कामना करेंगी।
छत्तीसगढ़ में चंद्र उदय का समय
छत्तीसगढ़ में इस बार 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) की रात लगभग 08:13 बजे चंद्र उदय होने का अनुमान है।
चंद्र दर्शन के बाद महिलाएं अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा करेंगी और पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगी।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ व्रत भारतीय परंपरा में पति-पत्नी के स्नेह और समर्पण का सबसे सुंदर प्रतीक है। माना जाता है कि यह व्रत वैवाहिक जीवन में खुशियां और सौभाग्य लेकर आता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सजधजकर अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
