कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। इसी बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच बुधवार सुबह अहम मुलाकात हुई। शिवकुमार नाश्ते के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने मौजूदा हालात पर विस्तृत चर्चा की। शिवकुमार ने कहा, “आलाकमान जो कहेगा, मैं वही करूंगा।”
पार्टी हाईकमान के निर्देश पर हुई इस मीटिंग को विवाद सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद शिवकुमार सीधे दिल्ली रवाना हो सकते हैं, जहां आगे की रणनीति पर अंतिम फैसला होने की संभावना है।
उसी दौरान सिद्धारमैया ने भी बयान देते हुए कहा कि पार्टी के निर्देश ही सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा, “आलाकमान ने मुझे और शिवकुमार को बातचीत करने को कहा है। बदलाव पर हाईकमान जो निर्णय लेगा, मैं उसका पालन करूंगा। जरूरत पड़ने पर हम दिल्ली भी जाएंगे।” वहीं शिवकुमार ने दोहराया कि उन्हें किसी पद की जल्दी नहीं है और अंतिम फैसला पार्टी का होगा।
बैठक के बाद शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कर्नाटक की प्राथमिकताओं और आगे की योजनाओं पर सार्थक चर्चा की है। इस बीच गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सभी दावों और उम्मीदों पर पार्टी हाईकमान की नजर है और वे स्थिति को जल्द संभाल लेंगे।
कर्नाटक में आखिर विवाद क्या है?
कर्नाटक में सत्ता साझेदारी को लेकर लंबे समय से चर्चा है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय हुआ था। कथित रूप से शिवकुमार से वादा किया गया था कि सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। 20 नवंबर को सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं, जिसके बाद बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। इससे पहले भी शिवकुमार समर्थक कई बार नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठा चुके हैं।
