Jharkhand IT Raids: झारखंड में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी और निज सचिव (PS) सुनील श्रीवास्तव के रांची स्थित घर पर आयकर विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस कार्रवाई ने जैसे राज्य में सियासी तूफान ला दिया है। श्रीवास्तव का नाम मुख्यमंत्री की करीबी टीम में शामिल है, और यह छापेमारी विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुई, जिससे इसका राजनीतिक असर और भी बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयकर विभाग ने एक साथ रांची और जमशेदपुर सहित कुल 9 जगहों पर रेड डाली। इस छापेमारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जो कांग्रेस, आरजेडी और वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में है। वहीं, बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन उनकी प्रमुख चुनौती के रूप में सामने है।
राज्य की सियासत में और ज्यादा गर्मी आई, जब हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को बीजेपी के ‘रोटी, बेटी और माटी’ जैसे नारों को जुमला करार दिया। उन्होंने अपनी सरकार की ओर से बेटियों की सुरक्षा के लिए शुरू की गई “सावित्रीबाई फुले झानो योजना” का उदाहरण दिया, जिसमें 12 लाख छात्राओं को जोड़ा गया है।
इससे पहले, हेमंत सोरेन को एक कथित जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। बडगाई इलाके में 8.86 एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में सोरेन को 31 जनवरी, 2024 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, झारखंड हाईकोर्ट ने जून में उन्हें जमानत दे दी थी।
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होना है, और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस बार राज्य में 2.6 करोड़ मतदाता चुनाव में अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे। 2019 के चुनावों में जेएमएम ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं। 2014 में बीजेपी ने 37 सीटों के साथ भारी जीत दर्ज की थी। अब, ऐसे में ये चुनाव राज्य की सियासी दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।