जया किशोरी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर छिड़े एक विवाद में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इस विवाद की वजह बनी है उनका महंगा बैग, जिसे लेकर आरोप लगाया गया है कि यह गाय की चमड़ी से बना है। जया ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो बातें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। मैं इस बैग को कई सालों से इस्तेमाल कर रही हूं, और यह बिल्कुल कस्टमाइज्ड फैब्रिक से बना है।”
जया किशोरी, जो कि एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता हैं, ने अपने 22 वर्षों की धार्मिक साधना का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने कभी कुछ गलत नहीं किया, और आगे भी ऐसा नहीं करूंगी।” हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह ‘डिओर बुक टोट’ बैग के साथ नजर आई थीं। इस बैग की कीमत दो लाख रुपये से ज्यादा बताई गई है।
ट्रोलर्स को जवाब
जया ने ट्रोलर्स को निशाने पर लेते हुए कहा, “अगर आप मेरी बातें सुनना चाहते हैं, तो मेहनत करके पैसे कमाइए। ट्रोल करना बंद कीजिए!” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह बैग उनके पास कई सालों से है, और अचानक से इसकी चर्चा होना संयोग नहीं है। जया ने यह भी कहा कि यह एक संभावित एजेंडा हो सकता है।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी इस बैग के साथ फोटो शेयर की हैं। पहले कभी किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन अब अचानक से यह मुद्दा क्यों बना? यह कुछ तो इशारा करता है।”
आध्यात्मिकता का नजरिया
जया ने आध्यात्मिकता पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “आध्यात्मिकता का मतलब है कि आप चीजें खरीदें, लेकिन चीजें आपको न खरीदें।” उन्होंने गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कभी नहीं कहा कि वह वैराग्य लेलें या फिर वन में चले जाएं, बल्कि उन्होंने कहा कि अपने कर्म करते रहें।
जया ने आगे कहा, “राजा भी सोने के आभूषण पहनते हैं। क्या यह गलत है?” उन्होंने यह भी बताया कि लोग ब्रांड देखकर नहीं, बल्कि अपनी पसंद के अनुसार चीजें खरीदते हैं। “मैं भी आम लोगों की तरह हूं, मुझे भी चीजें पसंद आती हैं, लेकिन मैं कभी भी लेदर का इस्तेमाल नहीं करती। मेरे सामान में लेदर नहीं है।”
इस तरह, जया किशोरी ने न केवल अपने बैग के विवाद का स्पष्ट जवाब दिया, बल्कि भौतिकता और आध्यात्मिकता के बीच एक गहरा और विचारशील संवाद भी स्थापित किया। उनकी बातें यह दर्शाती हैं कि एक सच्चे आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए भौतिक वस्तुएं महत्वपूर्ण नहीं होतीं।