नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सीय सलाह का पालन करने की बात कहते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा।
धनखड़ ने कहा कि वो स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देना चाहते हैं। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा,
“संविधान के अनुच्छेद 67(A) के अनुसार, मैं तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”
देश की प्रगति पर जताया गर्व
धनखड़ ने अपने कार्यकाल को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा –
“इस ऐतिहासिक समय में देश की आर्थिक तरक्की और बदलाव का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात रही। मैं भारत की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करता हूं और इसके उज्ज्वल भविष्य पर पूरा विश्वास है।”
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों का जताया आभार
धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और सभी सांसदों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा,
“राष्ट्रपति का सहयोग, प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन और सांसदों का स्नेह मेरे कार्यकाल को विशेष बना गया।”
राजनीतिक सफर की झलक
धनखड़ अगस्त 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति बने थे।
उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था।
इससे पहले वो 2019-2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे।
उनका जन्म 1951 में राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुआ था।
उन्होंने जनता दल से राजनीति की शुरुआत की, कांग्रेस से विधायक रहे और फिर 2008 में भाजपा में शामिल हो गए।
विवादों से भी जुड़ा रहा कार्यकाल
धनखड़ के राज्यसभा सभापति कार्यकाल के दौरान विपक्ष ने उन पर पक्षपात के आरोप लगाए।
विपक्ष ने उन्हें “सरकारी प्रवक्ता” तक कहा।
दिसंबर 2024 में राज्यसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था, लेकिन वह खारिज कर दिया गया।
