भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी AI के गलत इस्तेमाल से परेशान हैं। हाल ही में उन्होंने बताया था कि उनके भी कुछ वीडियो गरबा खेलते हुए वायरल हुए है, जबकि उन्होंने काफी समय से गरबा खेला ही नहीं है। PM मोदी के बयान के बाद से AI का ये मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है।
AI से बनाए गए DeepFake वीडियोज अब गले में किसी फांस की तरह बनता जा रहा हैं। आम तो आम लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस तकनीक के जाल में फंस गए हैं। उन्होंने हालही में बताया था की उनके भी कुछ DeepFake वीडियो वायरल हुए हैं।तभी से ये मामला काफी तूल पकड़ चुका है।
Deepfake से परेशानी में काफी बढ़ोतरी हो रही है,जिसे देखते हुए सरकार जल्द ही सोशल मीडिया कंपनियों से मीटिंग करने वाली है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा इसकी जानकारी दी गई है।उन्होंने कहा कि सरकार DeepFake मामले पर जल्द ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से बैठक करेगी। उन्होंने कहा कि यदि DeepFake को हटाने के लिए प्लेटफॉर्म पर्याप्त कदम नहीं उठाएगी तो सेफ हार्बर इम्युनिटी क्लॉज लागू नहीं होगा।
वैष्णव ने बताया कि हाल ही में डीपफेक के मामले पर कंपनियों को नोटिस जारी हुआ था,जिसपर प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि इस तरह की सामग्री पर कंपनियों को कार्रवाई करने में और अधिक आक्रामक होना होगा।
उन्होंने आगे बताया कि गूगल और मेटा जैसे कई बड़े प्लेटफार्मों को भी बैठक के लिए बुलाया जाएगा। आईटी अधिनियम के तहत वैष्णव ने यह स्पष्ट किया कि प्लेटफार्मों को वर्तमान समय में जो सेफ हार्बर इम्युनिटी क्लॉज प्राप्त है, उसे तब तक लागू नहीं किया जाएगा जब तक कि वे कोई पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर लेते।
बीते दिनों ही साउथ की फेमस अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के DeepFake वीडियो ने वायरल होते ही सनसनी मचा दी थी।
सरकार भी इसे अब हल्के में न लेते हुए सोशल मीडिया कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी कर चुकी है,उसे ही और दोहराया गया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है की इस तरह के कार्य करने पर तीन साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।