हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने विधानसभा भंग करने का फैसला लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस्तीफा दे सकते हैं। अब जब तक नई सरकार नहीं बनती, सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहेंगे।
दरअसल, विधानसभा का सत्र नहीं बुलाए जाने की वजह से संवैधानिक संकट पैदा हो गया था, और इससे बचने के लिए सरकार ने विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री सैनी आज रात 9:30 बजे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद इस्तीफे से जुड़ी कोई घोषणा हो सकती है। अगर सैनी इस्तीफा देते हैं, तो नई सरकार बनने तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। विधानसभा भंग होने के बाद मौजूदा विधायक और मंत्री अब पूर्व विधायक और मंत्री हो गए हैं।
विधानसभा भंग करने की वजह यह है कि संविधान के अनुसार, हर 6 महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी होता है। सैनी सरकार ने आखिरी बार 13 मार्च 2024 को सत्र बुलाया था, और 12 सितंबर इसकी आखिरी तारीख थी। लेकिन अल्पमत में होने के कारण सैनी ने सत्र नहीं बुलाया और विधानसभा भंग करने का फैसला लिया।