Hartalika Teej 2025: आज 26 अगस्त 2025 को देशभर में आस्था और शक्ति का महापर्व हरतालिका तीज धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाने वाला यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं, वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। इस पर्व का महत्व केवल उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, विश्वास और प्रेम की अनोखी मिसाल है।
हरतालिका तीज व्रत की कथा
पुराणों के अनुसार, हिमालय की पुत्री पार्वती बचपन से ही भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाना चाहती थीं। लेकिन उनके पिता हिमवान ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने का विचार किया। यह जानकर पार्वती अपनी सखी के साथ जंगल में चली गईं और वहां कठोर तपस्या शुरू कर दी।
‘हरतालिका’ शब्द का अर्थ है – ‘सखी द्वारा हर ले जाना’। पार्वती की सखी ही उन्हें पिता के घर से निकालकर तपस्या के लिए सुरक्षित स्थान पर ले गई थीं।
किंवदंती है कि पार्वती ने गौरीशंकर पर्वत पर कठोर तप कर शिवजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया और उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह संपन्न हुआ। आज भी वहां स्थित अखंड ज्वाला इस दिव्य विवाह की साक्षी मानी जाती है।
हरतालिका तीज का महत्व
इस दिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखती हैं।
रातभर जागरण कर शिव–पार्वती की कथा सुनी जाती है।
यह पर्व स्त्री के अटूट समर्पण, संयम और श्रद्धा का प्रतीक है।
मान्यता है कि इस व्रत से पति का दीर्घायु, सौभाग्य और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।
