सूरजपुर (छत्तीसगढ़)। आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक गंभीर मामला सामने आया है। सूरजपुर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों के हाथों में बंधे कलावा (रक्षा सूत्र) को जबरन काटकर जूते-चप्पलों में फेंकने का आरोप लगा है। घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
यह मामला 27 जुलाई को हुई व्यापम आबकारी आरक्षक परीक्षा से जुड़ा है। परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र में तैनात केंद्राध्यक्ष और दो पुलिसकर्मियों ने उनके हाथों में बंधा कलावा काटा और उसे अपमानजनक तरीके से जमीन पर फेंक दिया। परीक्षार्थियों का कहना है कि यह उनकी धार्मिक आस्था का अपमान है।
जांच के आदेश, समिति गठित
मामले के तूल पकड़ते ही कलेक्टर एस. जयवर्धन ने जांच के आदेश दिए और चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में शामिल हैं:
एसडीएम सूरजपुर (अध्यक्ष)
डिप्टी कलेक्टर सूरजपुर
थाना प्रभारी कोतवाली सूरजपुर
जिला स्तरीय शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य
समिति को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
हिंदू संगठनों का विरोध
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और संस्कृत भारती जैसे संगठनों ने घटना को सनातन धर्म का अपमान बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। संगठनों ने मांग की है कि दोषियों को 72 घंटे के भीतर निलंबित किया जाए, अन्यथा जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी उबाल
घटना की जानकारी सामने आते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो और फोटो साझा करते हुए कई यूजर्स ने इसे धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ बताया। लोगों ने यह भी पूछा कि कलावा पहनना परीक्षा की निष्पक्षता को कैसे प्रभावित करता है?
प्रशासन का स्पष्टीकरण
जिला प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि परीक्षा में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है, लेकिन यदि किसी कर्मचारी ने धार्मिक भावना को आहत किया है तो उसकी जांच कर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
