Chanakya Niti in Hindi – आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। उनका हर एक विचार जीवन की सच्चाई को उजागर करता है। आज की नीति में चाणक्य समाज की उस कड़वी सच्चाई को बताते हैं, जिसमें इंसान को उसके गुणों से नहीं, बल्कि उसकी हैसियत से आंका जाता है।
अमीर का कौआ मोर, गरीब का सच भी झूठ
चाणक्य कहते हैं:
“अमीर के घर बैठा कौआ भी मोर लगता है, और गरीब का बच्चा भी चोर नजर आता है।”
यह पंक्ति समाज की सोच पर बड़ा प्रहार है। अक्सर हम इंसानों को उनके कपड़ों, पैसे और हैसियत से आंकते हैं – जबकि असली पहचान उसके कर्मों और सच्चाई में होती है।
समय की ताकत – रंक को राजा बना दे
चाणक्य नीति में समय की अहमियत को बहुत गंभीरता से बताया गया है। उनका कहना है –
“समय जिसका साथ देता है, वो बड़े-बड़ों को भी मात दे देता है।”
जब समय किसी का साथ देता है, तो वही इंसान जो कल तक साधारण था, असाधारण बन जाता है। समय राजा को रंक और रंक को राजा बना सकता है। इसलिए अपने बुरे समय में घबराएं नहीं, बल्कि धैर्य रखें और मेहनत करते रहें।
जब इंसान अच्छा करता है, तो कोई नहीं बोलता…
चाणक्य का एक और कथन है –
“अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं, और बुराई पर गूंगे भी बोल उठते हैं।”
यह आज के समाज की हकीकत है। कोई अच्छा काम करे तो लोग तारीफ नहीं करते, लेकिन जरा-सी गलती हो जाए, तो वही लोग आलोचना में पीछे नहीं रहते जो आमतौर पर कुछ नहीं कहते।
इस नीति से क्या सीख मिलती है?
दूसरों को उनकी दौलत से नहीं, उनके व्यवहार और कर्म से आंकें।
अच्छे समय का इंतजार करें, क्योंकि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता।
दूसरों की अच्छाई को पहचानें और सराहें, आलोचना से ज्यादा प्रशंसा जरूरी है।
खुद पर विश्वास रखें – कर्म और सच्चाई ही असली पहचान हैं।
📌 Disclaimer: यह लेख चाणक्य नीति पर आधारित पारंपरिक ज्ञान और मान्यताओं को साझा करता है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है।