पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव पर शंका जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दो राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करवा पा रही है, तो पूरे देश में ऐसा करना मुश्किल होगा। उन्होंने शक जताया कि इसके पीछे कोई छिपा हुआ मकसद हो सकता है।
छोटे दलों को नुकसान होने का डर
भगवंत मान ने कहा कि यह योजना छोटे और क्षेत्रीय दलों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इससे उनके मुद्दे बड़े दलों के बीच दब सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बस चाहती है कि लोग एक बार में वोट डाल दें, लेकिन इससे लोकतंत्र की विविधता पर असर पड़ेगा।
महाराष्ट्र और झारखंड का उदाहरण
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अगर सरकार पूरे देश में एक साथ चुनाव की बात करती है, तो महाराष्ट्र और झारखंड में ऐसा क्यों नहीं हुआ? झारखंड के चुनाव भी दो चरणों में हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पहले इन असमानताओं को खत्म करना चाहिए।
विपक्ष की आवाज दबाना गलत
भगवंत मान ने संसद में विपक्ष को बोलने का मौका न दिए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाना लोकतंत्र का अपमान है और इससे जनता की समस्याओं को हल करने में रुकावट आती है।
सुखबीर बादल पर हमले की जांच
अकाली नेता सुखबीर बादल पर हुए हमले को लेकर भगवंत मान ने बताया कि पुलिस स्वर्ण मंदिर से मिले वीडियो की जांच कर रही है। इससे हमलावरों के इरादे समझने की कोशिश हो रही है।
AAP के सफर को याद किया
भगवंत मान ने संसद में AAP के नए कार्यालय का दौरा किया। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए इसे पार्टी की बढ़ती ताकत और सफर का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।