भारतीय कुश्ती की दुनिया में एक नई हलचल पैदा हो गई है, जब ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भाजपा नेता बबीता फोगाट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साक्षी का दावा है कि बबीता ने पहलवानों को पूर्व भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध करने के लिए उकसाया था, ताकि वह खुद इस पद पर काबिज हो सकें।
साक्षी की कहानी का नया मोड़
आजतक से बातचीत में साक्षी ने कहा, “बबीता फोगाट ने हमसे संपर्क किया और हमें बताया कि हमें बृजभूषण सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की घटनाओं और दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उसका असली इरादा खुद WFI अध्यक्ष बनना था।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मानना गलत है कि कांग्रेस ने उनके प्रदर्शन का समर्थन किया। “असल में, दो भाजपा नेताओं, बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने हमें हरियाणा में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिलाने में मदद की,” साक्षी ने कहा।
साक्षी ने आगे कहा, “हमें लगा कि बबीता हमारे साथ खड़ी होंगी, लेकिन हमें यह नहीं पता था कि वह हमारे साथ इतना बड़ा खेल कर सकती हैं। हमने सोचा कि वह हमारी परेशानियों को समझेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “हमने बबीता के अनुसरण में विरोध शुरू नहीं किया, बल्कि उनके सुझाव पर कदम उठाया।”
यौन शोषण का मामला: सचाई क्या है?
यह मामला तब शुरू हुआ जब पिछले साल सात महिला पहलवानों, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल थी, ने बृजभूषण पर गंभीर यौन शोषण के आरोप लगाए। आरोपों में गलत तरीके से छूने और यौन लाभ मांगने के आरोप शामिल थे। बाद में, एक नाबालिग पहलवान ने अपने आरोप वापस ले लिए। इस मामले में साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे प्रमुख पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देकर विरोध जताया था।