दिल्ली की नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यभार संभालते ही प्रशासनिक सुधारों की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। आयुष्मान योजना को मंजूरी देने और कैग (CAG) रिपोर्ट को सदन में पेश करने की अनुमति देने के बाद, उन्होंने अब पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ की सेवाएं समाप्त करने का बड़ा निर्णय लिया है। इन कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटने का आदेश दिया गया है।
फैसले के पीछे की वजह
दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी को गजट नोटिफिकेशन जारी कर मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति की थी। नई सरकार बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निजी स्टाफ की आवश्यकता नहीं रहती, इसलिए उन्हें तुरंत उनके मूल विभागों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर गए कर्मचारियों की वापसी
पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल में कई अधिकारियों और कर्मचारियों को विभिन्न बोर्ड और कॉरपोरेशनों में प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर भेजा था। रेखा गुप्ता सरकार ने आदेश जारी कर ऐसे सभी कर्मचारियों को तत्काल उनके मूल विभागों में भेजने के निर्देश दिए हैं।
सख्त प्रशासनिक फैसले जारी
सरकार ने एक हफ्ते पहले सभी विभागों से अनुबंध (Contract) पर नियुक्त कर्मचारियों की सूची मांगी थी। इस डेटा के आधार पर, मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को तत्काल उनके मूल विभागों में रिपोर्ट करना होगा।
नए प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत
रेखा गुप्ता सरकार के इन फैसलों को प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे सरकार की नई कार्यशैली और सुशासन की नीति को भी बल मिलेगा।