Nana Patole Resignation: महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में भूकंप जैसी स्थिति बन गई है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, नाना पटोले, ने 25 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह जिम्मेदारी ली कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए वह जिम्मेदार हैं। पटोले के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस साल लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में वह लय कायम नहीं रख सकी। इस्तीफे के बाद अब पार्टी में नए नेतृत्व की तलाश शुरू हो गई है और रणनीति पर मंथन हो रहा है।
कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन हुआ। पार्टी ने केवल 16 सीटें जीतीं, जो पिछले चुनाव से 28 कम थीं। पटोले ने सकोली सीट पर मुश्किल से 208 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन फिर भी हार ने पार्टी के नेतृत्व और रणनीति को सवालों के घेरे में डाल दिया।
Nana Patole Resignation: महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी शामिल हैं, 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सका। वहीं, बीजेपी और महायुति ने 232 सीटों पर जीत हासिल की। चुनावों से पहले पटोले ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का दावा किया था, लेकिन यह बयान शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत समेत अन्य सहयोगियों को नाराज कर गया था।
चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के बीच विवाद भी सामने आया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मजबूत प्रदर्शन के बाद, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ज्यादा सीटों की मांग की थी, जो उनकी रणनीति के उलट साबित हुई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित और अजीब’ करार दिया। उन्होंने चुनाव आयोग के “लेवल प्लेइंग फील्ड” के दावे पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी हार के कारणों का विश्लेषण करेगी। यह हार न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि महा विकास अघाड़ी के भविष्य के लिए भी एक चेतावनी के जैसा है।