एजबेस्टन टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 336 रन से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ भारत ने टेस्ट सीरीज़ में 1-1 से बराबरी कर ली। इंग्लैंड को जीत के लिए 608 रन का विशाल लक्ष्य मिला था, लेकिन उनकी टीम 336 रन पर ही सिमट गई। इस मैच में भारत की जीत के पीछे कई अहम कारण रहे। आइए एक-एक कर जानते हैं उन कारणों को, जिन्होंने भारत को एजबेस्टन में पहली बार टेस्ट जीत दिलाई।
1. शुभमन गिल का शानदार शतक और कप्तानी
भारतीय कप्तान शुभमन गिल इस ऐतिहासिक जीत के सबसे बड़े हीरो रहे।
पहली पारी में उन्होंने 267 रन बनाए।
दूसरी पारी में भी शानदार 161 रन जड़े।
वह एक ही टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले भारत के तीसरे कप्तान बन गए हैं।
उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ सुनील गावस्कर (1978) और विराट कोहली (2014) ही कर पाए थे।
2. तेज गेंदबाजों की जोरदार वापसी
भारतीय पेस अटैक ने एजबेस्टन की पिच पर कमाल दिखाया।
मोहम्मद सिराज ने पहली पारी में 6 विकेट लिए।
आकाश दीप ने 10 विकेट का कमाल कर डाला – पहली पारी में 4 और दूसरी में 6 विकेट।
तेज गेंदबाजों की ये वापसी भारत की जीत में निर्णायक रही।
3. फील्डिंग में जबरदस्त सुधार
हेडिंग्ले टेस्ट में खराब फील्डिंग भारत की हार की वजह बनी थी। लेकिन एजबेस्टन में भारतीय खिलाड़ियों ने फील्डिंग में शानदार प्रदर्शन किया।
कप्तान गिल ने स्लिप में बेन डकेट का शानदार कैच पकड़ा।
यशस्वी जायसवाल सहित सभी खिलाड़ियों ने फील्डिंग में सुधार दिखाया और कोई कैच नहीं छोड़ा।
4. मिडल ऑर्डर और टेल एंड का योगदान
भारत की पहली पारी में जब 5 विकेट जल्दी गिर गए थे, तब रविंद्र जडेजा (89) और वाशिंगटन सुंदर (42) ने टीम को संभाला।
दूसरी पारी में जडेजा ने फिर से शानदार नाबाद 69 रन बनाए।
मिडल और लोअर ऑर्डर ने रन बनाकर कुल स्कोर को मजबूत किया।
5. एजबेस्टन में पहली जीत, इतिहास रच दिया
भारत को एजबेस्टन टेस्ट मैदान पर यह पहली जीत मिली है।
इससे पहले भारत कभी भी इस मैदान पर टेस्ट नहीं जीत पाया था।
यह जीत सिर्फ सीरीज में बराबरी नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट इतिहास में एक नया अध्याय भी है।
