CG News: छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री गाइडलाइन में हुई बेतहाशा वृद्धि को लेकर सियासत तेज हो गई है। जहां विपक्ष पहले से ही इस फैसले पर हमलावर था, वहीं अब सत्ता पक्ष से भी इसे तत्काल स्थगित करने की मांग उठने लगी है। रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर गाइडलाइन वृद्धि को “अव्यावहारिक” बताते हुए इसे तुरंत रोकने की मांग की है।
गाइडलाइन वृद्धि पर बढ़ा विवाद
प्रदेश में नई कलेक्टर गाइडलाइन दरें लागू होने के बाद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जमीन खरीद-फरोख्त का खर्च अचानक बढ़ गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस वृद्धि से आम लोगों, किसानों और छोटे व्यवसायियों पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा।
राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त विभाग आपत्तियों की समीक्षा कर सकता है, हालांकि अंतिम निर्णय पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल की आपत्ति और मांग
सांसद अग्रवाल ने कलेक्टर गाइडलाइन दरों में 100% से 800% तक वृद्धि को “तुगलकी निर्णय” बताते हुए कहा कि—
यह बदलाव बिना जन-परामर्श के किया गया
मूल्यांकन और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर कोई समीक्षा नहीं
इससे राज्यभर में किसान, छोटे उद्यमी, रियल एस्टेट क्षेत्र और निवेशक नाराज हैं
उन्होंने मांग की है कि नई गाइडलाइन को तुरंत स्थगित कर पुरानी गाइडलाइन दरों को पुनः लागू किया जाए।
अग्रवाल की प्रमुख दलीलें
सरकार दावा कर रही है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवजा मिलेगा,
लेकिन हकीकत में सिर्फ 1% भूमि ही अधिग्रहण में आती है,
जबकि 99% जनता पर भारी आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
गाइडलाइन मूल्य बढ़ाने के बाद भी पंजीयन शुल्क 4% रखा जाना अनुचित है।
उन्होंने मांग की कि इसे घटाकर 0.8% किया जाए।
कांग्रेस ने पत्र को बताया दिखावा
सांसद अग्रवाल के पत्र को कांग्रेस ने “नौटंकी और खानापूर्ति” बताया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उनका पत्र जलाकर विरोध जताया।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा—
“यदि सांसद को सच में किसानों और आम जनता की चिंता है तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करें, कांग्रेस भी साथ देगी।”
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने नई गाइडलाइन वापस नहीं ली तो वह बड़ा statewide आंदोलन शुरू करेगी।
सरकारी अधिकारियों का दावा
उधर, अधिकारियों का कहना है कि—
लंबे समय से दरें अपडेट न होने के कारण
वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन में असंतुलन बढ़ गया था।
नई दरें लागू होने से
भूमि अधिग्रहण में किसानों को तीन गुना से अधिक मुआवजा मिलेगा।
संपत्ति के आधार पर
बैंकों से अधिक ऋण स्वीकृत कराया जा सकेगा।
नगरीय क्षेत्रों में गाइडलाइन को
सड़कवार (Road-wise) तरीके से वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है ताकि समान परिस्थितियों वाले क्षेत्रों की दरें बराबर रहें।
