बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को उकसाने के आरोप में चुनावी रणनीतिकार और नेता बने प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी, जन सुराज के सदस्यों पर मामला दर्ज हुआ है।
किशोर और पार्टी के बिहार प्रमुख मनोज भारती समेत 19 नामजद और 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि इन लोगों ने BPSC अभ्यर्थियों को उकसाया, जिससे सड़क पर प्रदर्शन हुआ और कानून-व्यवस्था बिगड़ गई।
जिला प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद सभा का आयोजन
बिहार पुलिस के अनुसार, जन सुराज पार्टी ने गांधी मैदान में छात्र संसद आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया। इसके बावजूद रविवार को गांधी प्रतिमा के पास भीड़ इकट्ठा हुई।
पार्टी नेताओं के भाषण के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। इस मामले में कोचिंग संस्थान के संचालक निखिल मणि, सुभाष ठाकुर, शुभम स्नेहल और प्रशांत किशोर के बाउंसरों पर भी आरोप है।
क्या है विवाद की जड़?
BPSC की प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितताओं और प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप के बाद से विरोध-प्रदर्शन जारी है।
अभ्यर्थियों का दावा: परीक्षा शुरू होने के करीब एक घंटे बाद प्रश्नपत्र मिले।
अन्य आरोप: उत्तर पुस्तिकाएं फाड़ दी गईं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठे।
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परीक्षा की दोबारा जांच कराने की मांग की है।
राजनीतिक समर्थन
इस मुद्दे को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। वहीं, जन सुराज पार्टी पर प्रदर्शन को भड़काने के आरोप ने मामले को और गर्मा दिया।