धमतरी, छत्तीसगढ़: शादी के 20 साल बाद पत्नी से मन ऊबने पर पति ने तीन बार “तलाक” कहकर रिश्ता तोड़ दिया और अपनी सगी साली से निकाह कर घर ले आया। जब समाज और परिवार ने समझाने की कोशिश की, तब भी पति नहीं माना, जिससे पहली पत्नी न्याय की गुहार लगाते हुए थाने पहुंच गई।
क्या है मामला?
पीड़ित महिला आरिफा खातून ने बताया कि उनकी शादी 20 साल पहले अशरफ अली से हुई थी, और दोनों की तीन बेटियां हैं। लेकिन समय के साथ पति का व्यवहार बदल गया और वह प्रताड़ित करने लगा। फिर अचानक उसने तीन बार तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर दिया और अपनी सगी साली से निकाह कर लिया।
आरिफा ने समाज के बड़े-बुजुर्गों और धार्मिक नेताओं की मदद से पति को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कुरान और हदीस का हवाला देकर समझाया कि तलाक इस तरह नहीं दिया जा सकता, लेकिन अशरफ अली नहीं माना और अपने फैसले पर अड़ा रहा।
पहली पत्नी ने दर्ज कराई शिकायत
जब सारी कोशिशें नाकाम रहीं, तो आरिफा खातून न्याय की गुहार लगाते हुए कुरुद थाने पहुंची। उनकी शिकायत पर पुलिस ने मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 4 के तहत अशरफ अली के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
क्या कहता है कानून?
मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत किसी भी मुस्लिम पुरुष द्वारा पत्नी को तीन तलाक कहकर छोड़ना गैरकानूनी है। यह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।
अब आगे क्या होगा?
पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी पति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन भी तत्पर है। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि कानून के रहते किसी भी महिला के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।