छत्तीसगढ़ में हुए नगर निगम चुनावों में बीजेपी ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस पूरी तरह बाहर हो गई। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बाद यह कांग्रेस के लिए तीसरा बड़ा झटका है। आइए जानते हैं कांग्रेस की इस हार की 5 बड़ी वजहें।
1. गुटबाजी ने कांग्रेस को कमजोर किया
कांग्रेस के अंदरूनी झगड़े और गुटबाजी इस हार की सबसे बड़ी वजह बनी। टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक पार्टी में एकजुटता की कमी दिखी। कई बड़े नेता प्रचार में देरी से शामिल हुए, जिससे जनता में गलत संदेश गया। जब तक कांग्रेस एकजुट होने की कोशिश करती, तब तक देर हो चुकी थी।
2. जातिगत समीकरण नहीं साध पाई कांग्रेस
कांग्रेस ने टिकट वितरण में जातीय समीकरणों का सही ध्यान नहीं रखा। दूसरी ओर, बीजेपी ने पूरी रणनीति बनाकर स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को टिकट दिया, जिससे कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लग गई। असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिससे कांग्रेस को और नुकसान हुआ।
3. घोषणा पत्र का प्रचार कमजोर रहा
कांग्रेस ने चुनाव से पहले घोषणा पत्र जारी किया, लेकिन इसे जनता तक सही तरीके से नहीं पहुंचा पाई। इसके विपरीत, बीजेपी ने अपने वादों को घर-घर तक पहुंचाया और मतदाताओं को लुभाने में सफल रही। कांग्रेस उन इलाकों में प्रचार करती रही जहां पहले से उसका समर्थन था, जिससे नए मतदाता आकर्षित नहीं हुए।
4. कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर नहीं कर सकी कांग्रेस
टिकट बंटवारे से नाराज कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के खिलाफ काम किया। कांग्रेस ने चुनाव के बाद 18 नेताओं का निलंबन रद्द किया, लेकिन अगर यह फैसला पहले लिया जाता तो पार्टी को नुकसान नहीं उठाना पड़ता। बागी नेता मैदान में डटे रहे और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाते रहे।
5. नेतृत्व की कमजोरी
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पार्टी को प्रभावी नेतृत्व देने में असफल रहे। उम्मीदवारों के चयन में देरी हुई, जिससे प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। दूसरी ओर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव लगातार कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों के संपर्क में रहे, जिससे बीजेपी मजबूत स्थिति में रही।