22 सितंबर को Manish Kashyap को पेशी के लिए हाजिर किया गया था. इसी दौरान उसकी मीडिया से हुई बातचीत का एक वीडियो वायरल हो गया था.जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई हुई।
जेल में बंद youtuber मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को एक स्थानीय अदालत में पेशी के लिए लाया गया था,लेकिन एक सहायक अवर निरीक्षक सहित चार पुलिसकर्मियों ने उन्हें मीडिया से बात करने की अनुमति दे दी जिसके लिए निलंबित कर दिया गया है.
पटना के SSP राजीव मिश्रा ने मंगलवार (26 सितंबर) को मीडिया को इसकी जानकारी दी. साथ ही एसएसपी ने यह भी बताया की इस मामले में कश्यप के खिलाफ पटना के पीरबहोर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है.
मीडिया से बातचीत करने दे दी इजाजत
SSP राजीव मिश्रा के अनुसार पुलिसकर्मियों के निलंबन का फैसला,वायरल वीडियो की जांच के आधार पर लिया गया,जिसमे 22 सितंबर को अदालत में पेशी के दौरान Manish Kashyap को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते देखा गया था.
पुलिसकर्मियों को उन्हे मीडिया से बातचीत करने से रोकना था,लेकिन एस्कॉर्ट टीम से यही भारी चूक हो गई,मनीष कश्यप को कोर्ट में पेशी के बीच मीडिया से बात करने की परमिशन नहीं थी,और पुलिसवालों से यही लापरवाही हो गई जिसके लिए उन्हें निलंबित होना पड़ा.
मनीष कश्यप ने लगाए कई गंभीर आरोप
मीडिया से बातचीत मे Manish Kashyap ने कहा था कि – एक कैदी गाड़ी में करीब 60 से 65 लोगों को भरा जाता है. कैदी लोग गांजा पीते हुए मुंह पर धुआं छोड़ते हैं.ऐसे लोगों के बीच ही उन्हें रखा जाता है.
साथ ही मनीष कश्यप ने यह भी कहा था कि हमारे इस बयान के बाद हम पर और भी केस दर्ज होगा, लेकिन हम इससे नहीं डरते हैं, क्योंकि मैं चारा चोर का बेटा नहीं हूं. अपनी आवाज को ऐसे ही बुलंद रखते हुए इसे जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे. फौजी के बेटा हैं हम डरने वाले नहीं हैं
बता दें कि कश्यप पर इस साल मार्च में आरोप लगा था कि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमलों का फर्जी वीडियो बनाया था,इसी के चलते वे दक्षिणी राज्य की एक जेल में महिनेभर बंद भी रहे,अब वे वर्तमान में पटना की बेउर जेल में बंद हैं।