रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को फिर से रेडी टू ईट (Ready to Eat) निर्माण का काम सौंपने का फैसला किया है। यह निर्णय साय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। पहले चरण में यह काम 5 जिलों की महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा।
पुराना फैसला बदला गया
भूपेश बघेल सरकार ने 20 नवंबर 2022 को रेडी टू ईट निर्माण का काम महिला समूहों से लेकर निजी कंपनी को दे दिया था। इस फैसले का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था। बीजेपी ने इसे महिलाओं के रोजगार छीनने वाला कदम बताया था।
बीजेपी सरकार ने किया सुधार
2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद महिला मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने विधानसभा में घोषणा की थी कि कांग्रेस सरकार की गलती को सुधारा जाएगा। उन्होंने कहा कि रेडी टू ईट निर्माण का काम दोबारा महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा।
महिलाओं ने जताया आभार
महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया। महिलाओं ने कहा कि इससे उनके परिवारों को राहत मिलेगी।
रोजगार छिनने से हुआ था विरोध
भूपेश सरकार के फैसले से करीब 30,000 महिला स्व-सहायता समूहों का रोजगार छिन गया था। इस फैसले से तीन लाख परिवारों की आजीविका पर संकट आ गया था। महिलाओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।
अब क्या होगा?
अब सरकार के नए फैसले से महिलाओं को फिर से रोजगार मिलेगा। रेडी टू ईट निर्माण का काम मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और परिवारों को भी राहत मिलेगी।