अमेरिका और भारत के बीच हाल ही में बढ़े टैरिफ विवाद ने दोनों देशों के संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। इस मामले को लेकर अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों ने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखा है। पत्र में सांसदों ने कहा कि इस कदम से न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिकी निर्माता और उपभोक्ता भी प्रभावित हो रहे हैं।
सांसदों ने पत्र में क्या कहा
सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना की ओर से लिखे गए पत्र में 21 कांग्रेस सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने ट्रंप से आग्रह किया है कि भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाएं और टैरिफ बढ़ोतरी को वापस लें।
पत्र में लिखा गया:
“टैरिफ बढ़ोतरी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। ये दंडात्मक उपाय भारतीय निर्माताओं और अमेरिकी उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही अमेरिकी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी खतरा है।”
अमेरिका के लिए खतरे
सांसदों ने चेतावनी दी कि अमेरिका के कई उद्योग, जैसे सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा, भारत पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि भारत में अमेरिकी निवेश से रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा हुए हैं। अगर टैरिफ बढ़ोतरी जारी रहती है, तो अमेरिकी परिवारों के लिए लागत बढ़ सकती है और अमेरिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता घट सकती है।
भारत-चीन के करीब आने का खतरा
सांसदों ने यह भी कहा कि इस कदम से भारत चीन और रूस के करीब जा सकता है। उन्होंने लिखा:
“क्वाड में भारत की भागीदारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी बढ़ती भूमिका को देखते हुए यह विशेष रूप से चिंताजनक है। भारत चीन की हठधर्मिता का मुकाबला करने में अहम भागीदार बन गया है।”
अमेरिकी सांसदों की यह प्रतिक्रिया अमेरिका-भारत संबंधों के लिए एक सशक्त चेतावनी मानी जा रही है और इसे दोनों देशों के व्यापारिक और रणनीतिक हितों के नजरिए से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
