Tonk Violence: टोंक जिले में हाल ही में हुई हिंसा ने हंगामे का नया मोड़ लिया है। पुलिस ने ऐलान किया है कि एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की गिरफ्तारी जल्द होने वाली है। इस मामले में मीणा खुद सामने आए और कहा कि एसडीएम की जाति कुछ मायने नहीं रखती, वे तो किसी को भी पीट सकते हैं। उनका दावा था कि एसडीएम के तौर-तरीकों को सुधारने का यही तरीका है।
नरेश मीणा ने दावा किया कि वे सुबह से कुछ नहीं कर रहे थे, बस एसडीएम के आने का इंतजार कर रहे थे। खाने का इंतजाम न होने पर वह मंच पर बेहोश हो गए थे, और अस्पताल जाने के बाद मिर्ची बम का धमाका हुआ। इसके बाद उनके समर्थकों ने उन्हें एक दूसरे गांव में सुरक्षित पहुंचाया, जहां उन्होंने रात भर आराम किया। मीणा का आरोप था कि पुलिस ने ही हिंसा को बढ़ावा दिया और एसडीएम बीजेपी के एजेंट हैं।
बवाल उस समय बढ़ा जब मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने उन पर धरना हटाने का दबाव डाला, जिससे हालात और बिगड़ गए। इस हिंसा के बाद पुलिस ने 60 लोगों को गिरफ्तार किया है, और चार मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि वे तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर और आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना में करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के बाद छुट्टी दी गई है।