आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार रात हुई भगदड़ के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख कारण टिकट वितरण काउंटरों पर हजारों श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ का जमावड़ा था। भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ एकादशी उत्सव के शुरू होने से ठीक दो दिन पहले निशुल्क दर्शन के लिए टिकट बांटे जा रहे थे, जिसके लिए 90 से अधिक काउंटर स्थापित किए गए थे। बताया जा रहा है कि एक काउंटर पर अत्यधिक भीड़ उमड़ने से यह दुखद हादसा हुआ।
हादसे का घटनाक्रम:
1.20 लाख टिकट वितरण की योजना, रात से ही जुटने लगी भीड़: NDTV के अनुसार, 10 से 12 जनवरी तक चलने वाले वार्षिक दर्शन के शुरुआती तीन दिनों के लिए भगवान के “सर्व दर्शन” (निःशुल्क दर्शन) के लिए 1,20,000 टोकन वितरित किए जाने थे। टोकन गुरुवार सुबह 5 बजे से बांटे जाने थे, लेकिन श्रद्धालु एक रात पहले ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा स्थापित टिकट काउंटरों पर जुटने लगे थे।
94 काउंटर स्थापित, एक पर बिगड़ी स्थिति: TTD ने टिकट वितरण के लिए कुल 94 काउंटर बनाए थे। ये काउंटर तीन तीर्थयात्री आवासों – विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और भूदेवी परिसरों के अलावा सत्यनारायणपुरम, बैरागीपट्टेडा और तिरुपति के रामानायडू स्कूल जैसे स्थानों पर भी बनाए गए थे।
एक काउंटर पर बेकाबू हुई भीड़: तिरुपति नगर आयुक्त एन मोरुआ के अनुसार, विष्णु निवासम मंदिर के पास बैरागीपट्टेडा में MGM हाई स्कूल में बने काउंटर पर बुधवार शाम को ही 4,000-5,000 लोग जमा हो गए थे। रात होते-होते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
महिला की सहायता के लिए खोला गया गेट बना काल: TTD के अध्यक्ष बीआर नायडू ने बताया कि भीड़ में एक महिला के अस्वस्थ महसूस करने पर उनकी सहायता के लिए एक गेट खोला गया था। इसी दौरान अचानक भीड़ आगे बढ़ गई और भगदड़ मच गई। रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए और दम घुटने से 6 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 40 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।