जशपुर:यह घटना छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के श्रीटोली गांव के चुरहागड़ा जंगल की है। 12 अगस्त को पुलिस को खबर मिली कि जंगल में एक सिरकटी लाश मिली है। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के दौरान वहां नायलॉन की रस्सी और लोहे का चाकू मिला। पुलिस ने शव की पहचान के लिए सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर डाली। शरीर पर बने टैटू से पता चला कि यह लाश बरजोर गांव के अभिषेक लकड़ा की है।
जांच के बाद पुलिस ने पाया कि अभिषेक को आखिरी बार उसके चचेरे भाई अभय एक्का, संदीप एक्का, निर्दोष तिर्की और अनूप लकड़ा के साथ देखा गया था। पुलिस ने इन चारों से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या की बात स्वीकार कर ली।
अभय ने बताया कि अभिषेक, जो उसका मौसेरा भाई था, शराब पीकर रोज़ घर में लड़ाई-झगड़ा करता था। 10 सितंबर को भी उसने शराब पीकर अभय के माता-पिता से मारपीट की। गुस्से में आकर अभय ने उसे रोकने की कोशिश की और लकड़ी से मारकर उसका पैर तोड़ दिया। डर के मारे, पुलिस केस से बचने और शराबी भाई से छुटकारा पाने के लिए अभय ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई।
उन्होंने टीवी शो “क्राइम पेट्रोल” देखकर सीखा कि शव को पहचान से बचाने के लिए सिर और धड़ को अलग-अलग फेंकना चाहिए। 11 सितंबर की रात, अभय और उसके तीन दोस्तों ने अभिषेक का गला घोंटकर हत्या की और फिर उसका सिर काट दिया। फिर वे लाश को जंगल में ले गए, लेकिन सिर कहीं खो गया। अंधेरे में सिर नहीं मिलने पर वे चाकू और रस्सी वहीं छोड़कर भाग गए।
आखिरकार, पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया।