उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए अब शादी जैसा पंजीकरण कराना होगा और इसके लिए आधार कार्ड देना अनिवार्य किया गया है। यह कदम राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत उठाया गया है, जो 26 जनवरी से लागू होगा। इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं, और अधिकारियों को UCC पोर्टल से संबंधित जानकारियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
UCC पोर्टल का उपयोग
UCC पोर्टल के माध्यम से नागरिक, सेवा केंद्र कर्मचारी और अधिकारी लॉग इन कर सकते हैं। पोर्टल पर कई सेवाएं उपलब्ध होंगी जैसे:
विवाह पंजीकरण
तलाक पंजीकरण
लिव-इन पंजीकरण और लिव-इन संबंधों की समाप्ति
बिना वसीयत के उत्तराधिकार
कानूनी उत्तराधिकारियों की घोषणा
वसीयत उत्तराधिकार
आवेदन खारिज होने पर अपील
शिकायत पंजीकरण और सूचना तक पहुंच
लिव-इन पंजीकरण के लिए क्या जानकारी देनी होगी?
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को पोर्टल पर अपने पार्टनर के नाम, आयु, राष्ट्रीयता, धर्म, पिछले रिश्ते की स्थिति और फोन नंबर जैसी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, पार्टनरों को अपनी तस्वीरें और घोषणापत्र भी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यदि जोड़े के पास बच्चा है, तो उसका जन्म प्रमाणपत्र भी अपलोड करना होगा।
इसमें 2 तरह के पंजीकरण होंगे:
उत्तराखंड के निवासियों के लिए
भारत के अन्य राज्यों के निवासियों के लिए
आधार कार्ड की अनिवार्यता
पोर्टल पर लॉग इन करने के लिए नागरिकों, अधिकारियों और सेवा केंद्र कर्मचारियों को अपने आधार विवरण को दर्ज करना होगा। यदि किसी तीसरे व्यक्ति को विवाह या लिव-इन से कोई समस्या हो, तो वह भी शिकायत कर सकता है और उस शिकायत का सत्यापन किया जाएगा।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक नई व्यवस्था आएगी, जो न केवल कानूनी पक्ष को मजबूत करेगी, बल्कि समाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी बढ़ाएगी।