रायपुर: गणेश विसर्जन के दौरान डीजे के शोर को लेकर प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। हाईकोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने शोर-शराबे पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। गणेश समितियों द्वारा डीजे बजाने की अनुमति मांगी गई थी, जिसे प्रशासन ने खारिज कर दिया और साफ कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ, तो सख्त कार्रवाई होगी।
प्रशासन की इस सख्ती के बीच, गणेश समितियों ने बिना डीजे के विसर्जन की तैयारी शुरू कर दी है। रायपुर की समितियों का कहना है कि उन्हें झांकी में डीजे बजाने की इजाजत नहीं मिल रही। रायपुर में गणेश उत्सव और झांकी की पुरानी परंपरा है, इसलिए कुछ समितियां मांग कर रही हैं कि डीजे और धुमाल बजाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने इस बारे में डिप्टी सीएम, सांसद और विधायक जैसे जनप्रतिनिधियों से बातचीत की है। उनकी मांग है कि कम आवाज में ही सही, लेकिन डीजे बजाने दिया जाए। अगर अनुमति नहीं मिली, तो झांकी नहीं निकाली जाएगी।
रायपुर धुमाल संघ के अध्यक्ष गौतम महानंद ने कहा कि इस बार झांकी और गणेश विसर्जन में न तो डीजे बजेगा और न ही ढोल-ताशा। जब तक प्रशासन से लिखित अनुमति नहीं मिलती, हम कोई काम नहीं करेंगे और सभी लोग हड़ताल पर रहेंगे।
वहीं, रायपुर के एडीएम देवेंद्र पटेल ने कहा कि प्रशासन ने झांकी के लिए सभी तैयारियां की हैं। अब तक गणेश समितियों की तरफ से ऐसा कोई संदेश नहीं आया है कि वे झांकी नहीं निकालेंगे। अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो उसे देखा जाएगा। हाईकोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि गणेश झांकी उत्सव के लिए पर्याप्त तैयारी की गई है, और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। झांकी निकालने वाली समितियों से बातचीत जारी है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।