बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार को मंगलवार को बिहार विधानसभा का नया अध्यक्ष (Speaker) सर्वसम्मति से चुना गया।
उनके चयन की घोषणा के बाद सदन में “हर-हर महादेव” और “जय श्रीराम” के नारे लगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक छोड़ने पहुंचे।
इस जीत के साथ एक बार फिर यह साबित हो गया कि प्रेम कुमार गया जिले की राजनीति के सबसे सशक्त और लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
कौन हैं डॉ. प्रेम कुमार?
डॉ. प्रेम कुमार बिहार के गया (Gaya) जिले से आने वाले बेहद सरल स्वभाव के नेता माने जाते हैं।
वे कहार जाति और चंद्रवंशी समुदाय से आते हैं। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं — दोनों की शादी हो चुकी है। उनका बेटा बीजेपी के भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय पदाधिकारी है।
अपने सहज स्वभाव, क्षेत्र में सक्रियता और जनसंपर्क के कारण प्रेम कुमार पिछले 35 सालों से लगातार जनता का अपार समर्थन पाते आ रहे हैं।
9 बार लगातार विधायक बनने का रिकॉर्ड
प्रेम कुमार का राजनीतिक करियर बेहद प्रभावशाली रहा है।
वे 1990 से लेकर 2025 तक 9 बार लगातार विधायक चुने गए हैं, जो उन्हें बिहार के सबसे अनुभवी विधायकों की सूची में शामिल करता है।
उन्होंने जिन चुनाव वर्षों में जीत दर्ज की —
1990
1995
2000
2005 (फरवरी)
2005 (अक्टूबर)
2010
2015
2020
2025
2025 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार अखौरी ओंकार नाथ को 26,423 वोटों के भारी अंतर से हराया।
इस सीट पर उन्हें कुल 90,878 वोट मिले थे।
कौन-कौन से विभाग संभाल चुके हैं प्रेम कुमार?
अपने लंबे राजनीतिक सफर में प्रेम कुमार कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं—
कृषि विभाग
पशुपालन विभाग
पर्यटन विभाग
सहकारिता विभाग
आपदा प्रबंधन विभाग
पर्यावरण विभाग
उनका प्रशासनिक अनुभव ही उन्हें बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बनाता है।
BJP के सबसे भरोसेमंद चेहरों में से एक
कभी गया टाउन सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था।
लेकिन 1990 में पहली बार चुनाव जीतकर प्रेम कुमार ने इस वर्चस्व को तोड़ा, और तब से यह सीट लगातार उनके नाम होती जा रही है।
जब बिहार में बीजेपी अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश कर रही थी, तब प्रेम कुमार ने पार्टी के साथ खड़े रहते हुए संगठन को मजबूत किया।
1990 से अब तक बीजेपी ने गया टाउन सीट से अपना उम्मीदवार कभी नहीं बदला, और जनता ने भी हर बार उन पर भरोसा जताया।
अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के शकील अहमद खान को लगभग 5,000 वोट से हराया था।
