रायपुर: दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 16 मरीजों की आंखों में संक्रमण की समस्या सामने आई है। सभी मरीजों को इलाज के लिए रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा बना हुआ है, जिसके चलते दिल्ली से तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मरीजों की जांच के लिए पहुंची है।
हाल ही में, दंतेवाड़ा अस्पताल में 39 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद मरीजों को आंखों में दिक्कतें आने लगीं। कई मरीजों को एक आंख से पूरी तरह दिखना बंद हो गया है, जबकि कुछ को धुंधला दिखाई दे रहा है। गंभीर मामलों में मरीजों को रायपुर भेजा गया है और उनका उपचार जारी है।
यह पहला मामला नहीं है। 22 सितंबर 2011 को भी प्रदेश में सरकारी लापरवाही के कारण 50 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। उस समय भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान कई लोग प्रभावित हुए थे। उस कांड के बाद दुर्ग सीएमओ, बालोद बीएमओ और तीन नेत्र सर्जनों को निलंबित किया गया था। इसे ‘अंखफोड़वा कांड’ के नाम से जाना जाता है।