ढाका। कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर बांग्लादेश में हालात बेकाबू हो गए हैं। युवा नेता और शेख हसीना सरकार के कट्टर विरोधी उस्मान हादी (Usman Hadi) की मौत के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी है। उनके समर्थकों ने इमारतों में आगजनी की और खासतौर पर मीडिया संस्थानों व पत्रकारों को निशाना बनाया। राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।
कौन था उस्मान हादी?
31 वर्षीय उस्मान हादी बांग्लादेश की छात्र राजनीति से उभरे युवा नेता थे। उनका जन्म नलचिटी गांव में हुआ था। वह पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे, जिसने शेख हसीना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर माहौल तैयार किया था।
हादी ‘इंकलाब मंच’ के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। यह मंच छात्र आंदोलन से निकला एक राजनीतिक संगठन था, जिसने शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने की मुहिम में अहम भूमिका निभाई।
‘इंकलाब मंच’ की क्या विचारधारा थी?
इंकलाब मंच
इंसाफ और सामाजिक न्याय
बांग्लादेश की संप्रभुता की रक्षा
विदेशी हस्तक्षेप का विरोध
की वकालत करता था। मंच का रुख खास तौर पर भारत समर्थक राजनीति और भारतीय प्रभाव के खिलाफ सख्त माना जाता था।
भारत-विरोधी रुख के कारण विवादों में रहा हादी
उस्मान हादी का मंच अवामी लीग पर संवैधानिक प्रतिबंध लगाने की मांग करता रहा है। हादी खुद भी खुलकर भारत-विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते थे।
हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विवादित नक्शा साझा किया था, जिसमें भारत के कुछ इलाकों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया था। इस पोस्ट के बाद देश-विदेश में भारी विवाद खड़ा हो गया था।
कैसे हुई उस्मान हादी की हत्या?
हादी अगले साल फरवरी में होने वाले आम चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे।
12 दिसंबर को वह ढाका के बिजोयनगर इलाके में चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी
दो बाइक सवार हमलावरों ने
बेहद नजदीक से
उनके सिर में गोली मार दी
हमलावर हेलमेट पहने हुए थे और कुछ सेकंड में मौके से फरार हो गए। गंभीर हालत में हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई।
हादी की मौत के बाद क्यों भड़की हिंसा?
उस्मान हादी की मौत के बाद उनके समर्थकों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने
सरकारी और निजी इमारतों में आग लगाई
मीडिया संस्थानों पर हमला किया
पत्रकारों को धमकाया
ढाका में प्रदर्शन कर रही भीड़ ने भारत विरोधी नारे लगाए और अवामी लीग से जुड़े लोगों के खिलाफ हिंसक बयान दिए।
भारत-विरोधी भावनाएं क्यों तेज हुईं?
हादी ने हमले से ठीक पहले भारत का विवादित नक्शा पोस्ट किया था। साथ ही उनका राजनीतिक करियर अवामी लीग और भारत-विरोधी रुख के इर्द-गिर्द घूमता रहा। इसी वजह से उनकी मौत को लेकर उभरे विरोध प्रदर्शनों में भारत को भी निशाना बनाया जा रहा है।
