हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए चर्चित शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा एक विवाद में फंस गए हैं। मामला तब सामने आया जब बीबीसी को दिए गए उनके इंटरव्यू को बीच में ही रोक दिया गया। इस घटना को लेकर ओझा और पार्टी दोनों की आलोचना हो रही है।
क्या हुआ था इंटरव्यू के दौरान?
गुरुवार को बीबीसी के साथ इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा से यह सवाल किया गया कि क्या वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की पहले की तरह तारीफ करते रहेंगे, जबकि अब वे AAP में शामिल हो चुके हैं। इस पर ओझा ने सहजता से जवाब दिया कि किसी की तारीफ करना गलत नहीं है, और उदाहरण के तौर पर सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा का जिक्र किया।
लेकिन तभी कमरे में एक व्यक्ति दाखिल हुआ और पत्रकार से कहा, “आपसे पहले ही कहा गया था कि उल्टा-सीधा सवाल न करें।” पत्रकार ने अवध ओझा से पूछा कि क्या उनसे कोई आपत्तिजनक सवाल किया गया है, जिस पर उन्होंने इनकार किया। बावजूद इसके, पत्रकार को इंटरव्यू रोकने को कहा गया।
बीबीसी का बयान और सोशल मीडिया पर विवाद
बीबीसी ने इंटरव्यू का अधूरा हिस्सा प्रसारित किया और बताया कि AAP पदाधिकारियों ने आगे की रिकॉर्डिंग नहीं होने दी। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई लोगों ने ओझा और पार्टी पर सवाल उठाए, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को लेकर AAP की आलोचना की।
अवध ओझा की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद अवध ओझा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सफाई दी। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश हमारे एक वॉलंटियर ने अनजाने में गलती की। लेकिन उसे दंड देना उचित नहीं है।” उन्होंने लिखा, “मैं शिक्षक हूं, हमेशा सवालों के लिए तैयार हूं। सवालों से ही मुझे ऊर्जा मिलती है। जो हुआ वह गलत था, लेकिन यह भूलवश हुआ।”
ओझा ने अपने पोस्ट में यह भी कहा, “दोस्ती बनी रहे।” उन्होंने इंटरव्यू का लिंक साझा करते हुए लोगों से इसे देखने की अपील की।
क्या कह रहे हैं लोग?
सोशल मीडिया पर कई लोग अवध ओझा की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने पार्टी की लाइन का पालन करने की बात क्यों कही। वहीं, कुछ लोग इसे एक साजिश के रूप में देख रहे हैं।