कोलकाता :आज, यानी शनिवार 18 जनवरी 2025 को कोलकाता के सियालदह सेशन कोर्ट में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई दुष्कर्म और हत्या के मामले में फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, और इसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
मामला क्या था?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना घटी थी। यह घटना उस समय हुई जब डॉक्टर अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करके अस्पताल में काम कर रही थी। आरोपी संजय रॉय, जो कि एक नागरिक स्वयंसेवक था, पर 9 अगस्त 2024 को महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया गया।
सियालदह कोर्ट में फैसला
इस मामले की सुनवाई में कुल 57 दिन लगे। 12 नवंबर 2024 को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी, जिसमें 50 गवाहों से पूछताछ की गई थी। 9 जनवरी 2025 को मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई, और अब शनिवार 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बन दास मामले में अपना फैसला सुनाने वाले हैं।
जांच और सीबीआई की भूमिका
कोलकाता पुलिस ने महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार कक्ष से बरामद होने के बाद 10 अगस्त 2024 को संजय रॉय को गिरफ्तार किया। इस मामले को बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की सजा की मांग की है।
विरोध प्रदर्शन और न्याय की मांग
इस जघन्य अपराध के बाद कोलकाता में जूनियर चिकित्सकों ने पीड़िता के लिए न्याय और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन लंबा चला और चिकित्सकों ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा की मांग की। राजनीतिक दलों सहित विपक्षी नेताओं ने भी इस अपराध का विरोध किया, हालांकि गैर-राजनीतिक आंदोलनों ने इस मुद्दे को सबसे अधिक उठाया।
पीड़िता का नाम और सुरक्षा मुद्दा
इस अपराध के बाद पीड़िता को ‘अभया’ और ‘तिलोत्तमा’ जैसे नाम दिए गए। हालांकि, इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करना कानूनी तौर पर निषिद्ध है। इस घटना के बाद, उच्चतम न्यायालय ने चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने का सुझाव दिया था और एक राष्ट्रीय कार्य बल (NTF) का गठन किया था। NTF ने पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट भी पेश की थी।