Omar Abdullah on EVM: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर सवाल उठाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अगर EVM पर भरोसा नहीं है, तो फिर चुनावों में हिस्सा क्यों लें।
उमर अब्दुल्ला का कहना है कि जब चुनाव में जीत होती है, तो EVM को सही मानते हैं, लेकिन अगर हार जाते हैं, तो उसी EVM को दोष देना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव लड़ने से पहले पार्टियों को यह तय करना चाहिए कि उन्हें EVM पर भरोसा है या नहीं। अगर भरोसा नहीं है, तो चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
EVM पर कांग्रेस का रोना बंद हो:
उमर ने कांग्रेस के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब EVM से 100 से ज्यादा सांसद चुने जाते हैं, तो इसे सही मानते हैं, लेकिन जब नतीजे उनके पक्ष में नहीं आते, तो सवाल उठाना गलत है।
राज्य का दर्जा बहाली की मांग:
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2019 में जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, तब विकास के वादे किए गए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस लाभ नहीं मिला। अब यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लेना है।
LG के साथ पावर शेयरिंग का अनुभव:
उमर ने दिल्ली सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ सत्ता साझा करना कड़ा और विवादास्पद अनुभव रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की रणनीतिक और सीमावर्ती स्थिति को देखते हुए उसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है।
केंद्र से वादा पूरा करने की अपील:
उमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव के दौरान राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था, और लोगों ने इसी वादे पर चुनाव में वोट दिया। अब यह साफ होना चाहिए कि यह वादा केवल चुनाव के नतीजों पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसे जनता के प्रति एक जिम्मेदारी मानकर पूरा किया जाना चाहिए।