रायपुर : छत्तीसगढ़ में आपराधिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, और इस पर विपक्षी नेता डॉ. चरणदास महंत ने जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा, “सुशासन का राग अलापने वाली सरकार में प्रदेश लगातार भयभीत हो रहा है।” महंत ने याद दिलाया कि छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के 24 वर्षों में कानून व्यवस्था इस कदर लचर कभी नहीं हुई, जितनी कि पिछले दस महीनों में हो गई है।
“हम ही बनाएँ हैं, हम ही सँवारेंगे,” के इस नारे के बीच जनता अब यह जानना चाहती है कि आखिर छत्तीसगढ़ में कानून का राज कब सुधार होगा? डॉ. महंत ने कहा, “बलौदाबाजार, कवर्धा और अब सूरजपुर भी जल रहा है।” प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के बजाय केवल उलजुलूल बयानबाजी कर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं।
महंत ने सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या के मामले को लेकर तीखे शब्दों में कहा, “अगर आरोपी कोई भी हो, तो उस पर कार्रवाई करने से गृह मंत्री को किसने रोका है?” उन्होंने सवाल उठाया कि जिस हत्यारे ने एक दिन पहले आरक्षक पर गर्म तेल उडेला, उसके खिलाफ पुलिस प्रशासन ने सतर्कता क्यों नहीं बरती?
इससे पहले भी बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट में आगजनी की घटना और कवर्धा के लोहारीडीह में हुई ऐसी ही घटनाएँ कानून व्यवस्था की हालत बयां करती हैं। महंत ने कहा कि “गृह मंत्री केवल बयानबाजी करते रहे, जबकि अधिकारियों को बलि का बकरा बना दिया गया। यह तो चिंता का विषय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें इतनी खुली छूट क्यों दी है।”
नेता प्रतिपक्ष ने इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि हाल ही में सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड के बाद एक 12वीं की छात्रा के साथ शर्मनाक गैंगरेप की घटना ने मन को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा, “अपराध और अपराधी किसी के सगे नहीं होते; उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”