नई दिल्ली: Noel Tata: जैसे ही भारतीय उद्योग जगत ने रतन टाटा के निधन का शोक मनाया, टाटा ट्रस्ट के भविष्य को लेकर उठे सवालों का हल भी सामने आ गया है। अब, टाटा ट्रस्ट की कमान नोएल टाटा के हाथों में होगी, जिन्हें सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुना गया है। मुंबई में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिससे टाटा परिवार के भविष्य की दिशा तय हो गई है।
एक नई शुरुआत
Noel Tata, जिनकी पहचान रतन टाटा के सौतेले भाई के रूप में है, अब टाटा समूह के विशाल साम्राज्य की बागडोर संभालेंगे। उनका नेतृत्व न केवल टाटा ट्रस्ट के लिए बल्कि टाटा समूह के 100 देशों में फैले व्यापारिक नेटवर्क के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा, जिसकी कुल संपत्ति 403 अरब डॉलर (39 लाख करोड़ रुपये) है।
नोएल टाटा, रतन के पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के 67 वर्षीय बेटे हैं और अब उन्हें ट्रस्ट की होल्डिंग कंपनियों का संचालन भी करना होगा।
विरासत का जिम्मा
टाटा ट्रस्ट की नींव जमशेदजी टाटा ने 1892 में रखी थी, और यह टाटा समूह की 66% हिस्सेदारी का मालिक है। रतन टाटा ने अपने जीवन में शादी नहीं की थी, जिससे उत्तराधिकार का सवाल और भी महत्वपूर्ण बन गया था। ऐसे में नोएल टाटा की नियुक्ति ने इस विरासत को संभालने के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान किया है।
टाटा समूह का भविष्य
Noel Tata अब अपने परदादा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह, उद्योग जगत में नई ऊँचाइयाँ छूने की उम्मीद कर रहे हैं। यह न केवल परिवार के लिए, बल्कि देश के औद्योगिक विकास के लिए भी एक नया अध्याय है।