रायपुर: आज, 6 अक्टूबर, मां दुर्गा की चौथी शक्ति, देवी कुष्मांडा की पूजा का विशेष दिन है। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा इतनी कृपालु हैं कि वह अपने भक्तों की भक्ति से तुरंत प्रसन्न हो जाती हैं। देवी के इस रूप ने लाल, पीले और हरे रंग के वस्त्र धारण किए हैं, इसलिए उनकी पूजा में श्रद्धालुओं को इन रंगों के वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि पूजा का संपूर्ण प्रभाव मिल सके।
सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर में बैठकर देवी की पूजा का संकल्प लें। पूरे दिन व्रत रखें और अपने मन को देवी के मंत्रों से शुद्ध करें। खास बात यह है कि देवी कुष्मांडा हमारे शरीर के सात चक्रों में से अनाहत चक्र में निवास करती हैं, जो हृदय का केंद्र है और प्रेम, करुणा और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इसलिए देवी की पूजा हमारे आंतरिक संतुलन और शांति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शाम को देवी की पुनः पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें। इस पवित्र अवसर पर, भक्तों के दिलों में उत्साह और श्रद्धा का भाव उमड़ रहा है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी इस अवसर पर X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “जय मां बम्लेश्वरी! पवित्र शारदीय नवरात्रि के चतुर्थ दिवस पर आइए दर्शन करें, डोंगरगढ़ स्थित माँ बम्लेश्वरी के… माँ बम्लेश्वरी की कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे।”