अयोध्या आज एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। विवाह पंचमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के गर्भगृह पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवा ध्वज फहराया। यह ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य के पूर्ण होने का प्रतीक माना जा रहा है।
इस विशेष कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS प्रमुख मोहन भागवत सहित 6,000 से अधिक विशेष आमंत्रित मौजूद रहे। इस दृश्य को देखने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
रोड शो करते हुए राम मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में एक किलोमीटर लंबा भव्य रोड शो किया। रास्ते भर बने सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
इसके बाद पीएम मोदी ने सप्तमंदिर परिसर में दर्शन किए, जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी को समर्पित मंदिर स्थित हैं। प्रधानमंत्री ने शेषावतार मंदिर में भी विशेष पूजन किया।
ध्वजारोहण के लिए अयोध्या में कड़ी सुरक्षा
कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार—
6,970 से अधिक सुरक्षाकर्मी अयोध्या में तैनात
ATS कमांडो, NSG स्नाइपर्स, साइबर एक्सपर्ट और टेक्निकल टीमें सक्रिय
भारत-नेपाल बॉर्डर पर SSB और उत्तर प्रदेश पुलिस की निगरानी बढ़ी
ITBP और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट हाई अलर्ट पर
अयोध्या में सुरक्षा के इन प्रबंधों ने पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाए रखा।
500 से अधिक संत हुए आमंत्रित
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह में देशभर से 500 से अधिक संतों को बुलाया गया। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि विवाह पंचमी तिथि का चयन इसलिए हुआ क्योंकि मान्यता है कि भगवान राम और माता सीता का विवाह इसी दिन हुआ था।
कैसा है राम मंदिर का भव्य भगवा ध्वज?
राम मंदिर पर फहराया गया ध्वज बेहद विशेष बनावट और पौराणिक महत्व का प्रतीक है:
लंबाई: 22 फीट
चौड़ाई: 11 फीट
आकार: समकोण त्रिभुज
स्थापना: 161 फीट ऊंचे शिखर पर 42 फीट ऊंचे मस्तूल पर
वजन: 2–3 किलो
ध्वज पर बने तीन प्रमुख प्रतीक:
ॐ — शाश्वत ब्रह्मांडीय ध्वनि
सूर्य — भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक
कोविदारा वृक्ष — ऋषि कश्यप द्वारा निर्मित दुर्लभ वृक्ष का संकेत
यह ध्वज मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का आधिकारिक प्रतीक भी है।
ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?
इस ऐतिहासिक ध्वज का डिजाइन भारतविद् ललित मिश्रा ने तैयार किया है।
उन्होंने मेवाड़ की एक प्राचीन रामायण पेंटिंग का अध्ययन कर यह डिज़ाइन खोजा और इसके संदर्भ वाल्मीकि रामायण के अयोध्या काण्ड में भी मिले।
ध्वज को अहमदाबाद के एक विशेष पैराशूट फेब्रिक विशेषज्ञ ने तैयार किया है।
