नारायणपुर। अबूझमाड़ के अंदरूनी इलाके में नक्सलियों के प्रभाव को कम करने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। जाटलूर में नया सुरक्षा कैम्प स्थापित कर दिया गया है, जिसके साथ ही सुरक्षा बलों ने यहां मौजूद नक्सलियों का विशाल स्मारक ढहा दिया। यह स्मारक लंबे समय से नक्सली प्रभाव और उनकी गतिविधियों का प्रतीक माना जाता था।
संयुक्त अभियान में DRG, बस्तर फाइटर, और ITBP की टुकड़ियों ने समन्वित कार्रवाई करते हुए इस संरचना को निशाना बनाया। अधिकारियों के मुताबिक, अभियान में स्थानीय खुफिया तंत्र, सटीक रणनीति और जंगल परिस्थिति की गहरी समझ महत्वपूर्ण रही।
अबूझमाड़ में सुरक्षा का विस्तार – 16 कैम्प तैयार
पिछले एक वर्ष में अबूझमाड़ क्षेत्र में कुल 16 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं। इन कैम्पों के शुरू होने से नक्सली मूवमेंट पर लगातार अंकुश लगा है और सुरक्षा बलों की इलाके तक पहुंच मजबूत हुई है।
अधिकारियों का कहना है कि इन कैम्पों से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं और सहायता सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो रही है, जिससे विकास की रफ्तार भी बढ़ रही है।
जाटलूर कैम्प बनेगा ग्रामीणों का जन सुविधा केंद्र
जाटलूर में खुला नया कैम्प सिर्फ सुरक्षा पोस्ट नहीं, बल्कि ग्रामीणों के लिए एक जन सुविधा केंद्र भी होगा। यहां—
स्वास्थ्य सेवाएं
आपातकालीन सहायता
संचार सुविधा
जैसी जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे लोगों को पहली बार स्थायी सरकारी सहायता मिलेगी।
नक्सली स्मारक का ध्वस्त होना—कानूनी ढांचे का मजबूत संदेश
सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सलियों द्वारा बनाए गए स्मारक को हटाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि क्षेत्र में अब कानून और संविधान की पकड़ मजबूत हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई नक्सलियों के मनोबल पर सीधा असर करेगी और अबूझमाड़ में विकास की नई दिशा तय करेगी।
