दिल्ली की रहने वाली दिविशा विशाल भंसाली ने महज 3 साल की आयु में ही यंगेस्ट क्यूब सॉल्वर का अवार्ड अपने नाम किया है. मात्र पांच मिनट में ही इस लड़की ने ये कारनामा कर दिखाया है.
आमतौर पर हम सभी 2 या 3 साल के एक बच्चे से उम्मीद करते हैं की . वह ठीक से चल पाए, दौड़ने लगे, बातें करे. लेकिन आज हम एक ऐसी छोटी सी बच्ची जिसकी उम्र महज 3 साल है, की कहानी बता रहे हैं जो अपने नाम पर रिकॉर्ड भी दर्ज करा चुकी है.
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3 साल की उम्र में ही दिविशा विशाल भंसाली ने यंगेस्ट क्यूब सॉल्वर का अवार्ड अपने नाम पर कर लिया है. जिसमे उन्होंने , टू वे, थ्री लेयर्ड और प्राइमेक्स क्यूब को सुलझाकर यह यंगेस्ट क्यूब सॉल्वर का रिकॉर्ड अपने नाम किया हैं.।
यह बात आपको हैरानी देगी की इस छोटी सी बच्ची दिविशा ने यह रिकॉर्ड मात्र 5 मिनट में अपने नाम किया है. इंडियन क्यूब एसोसिएशन के अनुसार इससे पहले जिस बच्चे ने यह रिकॉर्ड बनाया था उसको करीब 3 घंटे का समय लगा था लेकिन इस छोटी सी बच्ची दिविशा ने इसे मात्र पांच मिनट में ही कर सभी को चकित कर दिया है.
दिविशा की मां आरती ने बताया हैं कि उन्हें पहले से ही खुद क्यूब को सॉल्व करने का शौक था. वह भी चाह रही थीं कि उनकी बच्ची शुरुआत से ही शार्प रहे जिसके लिए उन्होंने दिविशा को 2 साल की आयु में ही पढ़ाई के बेसिक सिखाना स्टार्ट कर दिया ,
आरती आगे बताती हैं कि जब एक दिन पढ़ते-पढ़ते दिविशा ने क्यूब को टटोला तो धीरे धीरे उसकी रुचि बढ़ती चली गई. बस इसी से ही दिविशा की मां को इस बात का ख्याल आया कि वह अपनी बेटी को क्यूब सॉल्विंग करना सिखाएंगी. दिविशा की मां बताती हैं कि महज 40 दिन में उन्होंने इसे क्यूब सिखाई और आज उसका परिणाम सबके सामने हैं.
विशाल भंसाली जो की दिविशा के पिता हैं, ने बताया कि क्यूब को हल करना भी कोई आम बात नहीं है. इसमें 20 तरह के मैथमेटिकल कैलकुलेशंस लगते हैं.
इसी वजह से किसी भी आम व्यक्ति के लिए इसको 5 मिनट में ही सॉल्व कर देना बहुत कठिन है. विशाल ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी दिविशा पर बहुत गर्व है ।