पहले केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस को पेश किया जाता था, जिससे योजनाओं में देरी और फंड आवंटन में बाधा आती थी। 2017 में सरकार ने बजट को 1 फरवरी को पेश करने का फैसला किया ताकि वित्तीय नियोजन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
फायदे
✔ बेहतर संसाधन आवंटन – मंत्रालयों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले फंड प्लान करने का समय मिलता है।
✔ तेजी से क्रियान्वयन – पहले बजट देर से आने पर विभागों को तुरंत धन खर्च करना पड़ता था, अब वे योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू कर सकते हैं।
✔ वैश्विक मानकों के अनुरूप – अधिकतर देशों की तरह भारत ने भी वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट पेश करने की परंपरा अपनाई।
✔ आर्थिक व्यवस्था में सुधार – यह बदलाव भारत की वित्तीय प्रणाली को अधिक आधुनिक और कुशल बनाता है।